Anal Fissure / एनल फिशर

Anal Fissure / एनल फिशर

एनल फिशर के लिए होम्योपैथी उपचार

आमतौर पर लोग गुदा अर्थात एनल संबंधी किसी भी समस्या को बवासीर मान लेते हैं, लेकिन एनल से संबंधित हर समस्या बवासीर नहीं होती है। शायद जिसे आप बवासीर समझने की गलती कर रहे हों, वह एनल फिशर भी हो सकता है।
 दरअसल कई बार एनल कैनाल के आसपास के हिस्से में दरारें जैसी बन जाती हैं, इसी को फिशर कहा जाता है। 

ये दरारें मामूली ये बेहद बड़ी हो सकती हैं। बड़ी दरारें होने में इनसे खून भी आ सकता है और ये लगातार होने वाले दर्द, जलन और असहजता का कारण बन सकती हैं।

 कब्ज से पीड़ित लोगों को इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि कब्ज की स्थिति में कठोर मल गुदा के अस्तर में दरार का कारण बन सकता है।

कई लोगोंको इस बीमारी से असहनीय पीड़ा होती है और कई लोग इस भयंकर पीड़ा के कारण डिप्रेसन में चले जाते है।

ऐसे दुर्भाग्यशाली लोगोंको ऑपरेशन की सलाह दी जाती है और पीड़ित व्यक्ती को और कोई चारा नहीं होता इसलिए वो ऑपरेशन करने के लिए तैयार हो जाता है।

लेकिन इस भयंकर पीड़ादायक बीमारी के लिए होम्योपैथी में एकदम सटीक दवाईयां है जिससे दर्द तुरंत 1 दिन में ही ठीक हो जाता है और बिना ऑपरेशन किये कुई महीने के भीतर ही यह बीमारी पूर्ण रूप से ठीक हो जाती है। 
  होम्योपैथी  दवा इस बीमारी में अत्यंत लाभदायक है।

अगर आप को ऐसी गुदा संबंधित को बीमारी हो तो तुरंत आपके नजदीक के होमिओपेथी डॉक्टर से संपर्क  करे और इलाज शुरू करे।

"Accurately Diagnosed and treated by a very experienced and renowned homoeopathy in Kanpu

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