High Blood Pressure / उच्च रक्तचाप

High Blood Pressure / उच्च रक्तचाप

हृदय को रक्त लेते समय निम्न और देते समय उच्च रक्त दबाब कहलाता है आप अपनी नाडी को पकड़े अगर 1 मिंट में  70 से 75 बार धड़कता है तो समान्य है अगर 80 है तो उच्च रक्तचाप की तैयारी है । यंत्र धोखा दे सकती है आपकी नाड़ी नही अतः आप सब से बिनती है कि नाड़ी पकड़ना जरूर सीखे । हम खाना, पढ़ना,लिखना,चलना सिख सकते हैं तो इसे जरूर सीखे।

उच्च रक्तचाप हृदय,गुर्दे व रक्त संचार की गड़बड़ी के कारण होता है।जब यह रोग आता है तो अपने साथ कई रोग को लाता है।जो क्रोध,भय,दुख ,तनाव व अन्य भावनाओं के प्रति सवेंदनशील होते हैं उन्हें यह रोग होता है।कम परिश्रम करना भी इस रोग को आमंत्रित करना है। इस के आने पर सर दर्द,चक्कर आना,आलस्य होना, जी घबराना,काम मे मन न लगना, पाचन क्षमता कम होना,आंखों के सामने अंधेरा छाना, नींद न आना व अन्य लक्षण है।

हाई ब्लडप्रेशर उपचार
आपके शरीर मे रक्त का गाढ़ा होना उच्च रक्तचाप के मुख्य कारणों में से एक है। रक्त गाढ़ा होने से प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे नसों और धमनियों पर दबाव पड़ता है। लहसुन में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेनट्स , जैसे कि सेलेनियम, विटामिन सी और एलीसीन होते है, जो कि रक्त को पतला करने में काफी प्रभावशाली होते हैं। इसीलिए सुबह सुबह कच्चे लहसुन के दो तीन कली के टुकड़े चबाने से काफी फायदा पहुँचता है।

अपने खान पान में इन बातों का रखें ध्यान-
नमक का कम इस्तेमाल करें क्योंकि नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है।
उच्च रक्त चाप में मरीजों को सुबह शाम एक टुकड़ा अदरक, काली मिर्च के साथ चूसना चाहिए ।
एक चम्मच आंवले का रस और एक ही चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में बहुत लाभ होता है।
हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभकारी है, इसे खाली पेट चबा-चबाकर खाए |

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